वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) नीति के तहत पेंशन भुगतान के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार को एक बार फिर फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ओआरओपी बकाया के भुगतान को लेकर 20 जनवरी को जारी किया गया नोटिफिकेशन वापस लेना होगा, जिसमें कहा गया था कि वन रैंक वन पैंशन का बकाया चार किस्तों में भुगतान किया जाएगा।
देश के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ ने टिप्पणी करते हुए कहा, ‘रक्षा मंत्रालय कानून को अपने हाथ में लेने का प्रयास ना करे। कोर्ट ने कहा 20 जनवरी के नोटिफिकेशन को वापस लिया जाए, तभी हम केंद्र की पेंशन बकाया देने के लिए और समय देने की अर्जी पर सुनवाई करेंगे।
अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने कोर्ट से कहा कि केंद्र ने पूर्व सैनिकों को ओआरओपी बकाया की एक किस्त का भुगतान कर दिया है, लेकिन आगे के भुगतान के लिए कुछ और समय की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से अगले सोमवार तक पेंशन बकाया के भुगतान को लेकर एक नोट (चार्ट) भी मांगा है, जिसमें यह बताना होगा कि कितना भुगतान बकाया है और इसे कितने समय में चुकाया जाएगा।मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी।
पिछले साल मार्च में, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के फार्मूले के खिलाफ भारतीय पूर्व सैनिक आंदोलन (आईईएसएम) द्वारा दायर याचिका पर फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने 9 जनवरी को केंद्र को सशस्त्र बलों के सभी पात्र पेंशनरों को ओआरओपी के कुल बकाया के भुगतान के लिए 15 मार्च तक का समय दिया था।
दरसअल सरकार ने सशस्त्र बलों के सभी पात्र पेंशनभोगियों को “ओआरओपी” योजना के बकाए के भुगतान के लिए समय सीमा बढ़ाने की मांग की है।