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Court at a Glance: दिल्ली मेयर चुनाव, संसद में सीधे याचिका और क्या जानने के लिए देखें यहांः-

पलानीस्वामी, सुप्रीम कोर्ट
  • शिवसेना विवाद – साल 2016 के SC के नबाम रेबिया फैसले को फिर से विचार के लिए बड़ी बेंच को भेजा जाए या नहीं, इस पर संविधान पीठ फैसला सुनाएगी। नबाम रेबिया फैसले में पांच जजों की संविधान पीठ ने कहा था कि अगर स्पीकर के खिलाफ हटाने का प्रस्ताव पेंडिंग है तो वो विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं ले सकते।
  • अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की ओर से अदाणी समूह की कंपनियों पर लगाए गए आरोपों को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 17 फरवरी को सुनवाई करेगा। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा करने के लिए क्या नियम बनाए जा सकते है इस मुद्दे पर एक कमेटी के गठन के सुझाव के साथ केंद्र सरकार से रिपोर्ट मांगी थी। केन्द्र सरकार ने भी कहा था कि निवेशको के हितों की सुरक्षा के लिए वो एक कमेटी के गठन के लिए तैयार है.. कल की सुनवाई मे कमेटी के गठन की रूपरेखा साफ हो सकती है।
  • दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 17 फरवरी को सुनवाई करेगा। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि संवैधानिक प्रावधानों से ये बात स्पष्ट है कि मनोनीत पार्षदों को मेयर चुनाव में वोटिंग का हक नहीं है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि नामित पार्षद (एल्डरमैन) मेयर चुनाव में वोट नहीं डाल सकते हैं। संविधान में इसको लेकर पूरी स्पष्टता है। उप राज्यपाल की ओर से पेश हुए ASG (एडिशनल सॉलिसिटर जनरल) संजय जैन ने कोर्ट में कहा था कि एल्डरमैन के वोट डालने के मामले पर हम बहस करना चाहते हैं।
  • महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस के लिए सीधे संसद में नागरिकों को याचिका दाखिल करने देने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 17 फरवरी को सुनवाई करेगा। याचिका में कहा गया कि नागरिकों को जनहित के मुद्दों पर चर्चा आमंत्रित करने का मौलिक अधिकार है।कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा था कि अगर याचिका को अनुमति दी जाती है, तो इससे संसद के कामकाज में बाधा आ सकती है, क्योंकि अन्य देशों की तुलना में भारत में बड़ी आबादी है। आप चाहते हैं कि इसे संविधान के अनुच्छेद-19(1)(ए) के तहत घोषित किया जाए। यह संसद के कामकाज को अवरुद्ध कर देगा।
  • आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 17 फरवरी को सुनवाई करेगा। केजरीवाल पर 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान बिना अनुमति जनसभा करने व जुलूस निकालने पर अमेठी जिले के गौरीगंज व मुसाफिरखाना कोतवाली में और सुल्तानपुर में एफआइआर दर्ज की गई थी। केजरीवाल ने अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे को रद्द करने की मांग की है… इलाहाबाद हाईकोर्ट से केजरीवाल को राहत नहीं मिली थी।
  • सुप्रीम कोर्ट तेलंगाना पुलिस की उस याचिका पर 17 फरवरी को सुनवाई करेगा, जिसमें हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें भाजपा द्वारा बीआरएस विधायकों की खरीद फरोख्त के प्रयास के पीछे कथित आपराधिक साजिश की सीबीआई जांच को बरकरार रखा गया था। तेलंगाना हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने 6 फरवरी को एकल न्यायाधीश के 26 दिसंबर 2022 के मामले को सीबीआई को स्थानांतरित करने के पहले के आदेश को बरकरार रखा। याचिका में तर्क दिया गया कि हाईकोर्ट ने इस बात की सराहना नहीं की कि सीबीआई सीधे केंद्र के अधीन काम करती है और प्रधानमंत्री और गृह मंत्रालय के कार्यालय के नियंत्रण में है।
  • भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा द्वारा बीमारी के आधार पर उनको हाउस अरेस्ट में रखे जाने के बाद रेगुलर जमानत दिए जाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 17 फरवरी को सुनवाई करेगा। एन आईए ने जमानत का विरोध किया है।
  • दूध में मिलावट की रोकथाम के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गए दिशा निर्देश का पालन नही करने पर दायर अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 17 फरवरी को सुनवाई करेगा। कोर्ट ने स्वामी अच्युतानंद तीर्थ की ओर से दायर याचिका पर दिशा निर्देश जारी किया था। कोर्ट ने कहा था कि भारत सरकार फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट 2006 में जरूरी बदलाव करे। कोर्ट ने मिलावट को गंभीर मुद्दा बताते हुए निर्देश दिए हैं कि केंद्र और राज्य सरकारें ‘फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट 2006’ को लागू करने के लिए असरदार कदम उठाए।
  • देश भर के न्यायाधिकरणों (ट्रिब्यूनल) में बड़ी संख्या में खाली पडे़ पदों के मामले में दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 17 फरवरी को सुनवाई करेगा।
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर में स्थित मस्जिद को हटाए जाने के मामले में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 17 फरवरी को सुनवाई करेगा।
  • पंजाब में अवैध शराब के निर्माताओं और विक्रेताओं के खिलाफ मामले में 17 फरवरी को सुनवाई करेगा। पिछली सुनवाई में पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करके अपनी आबकारी नीति पर सफाई देते हुए कहा था कि यह विभाग अवैध शराब के निर्माताओं और विक्रेताओं के खिलाफ नियमित रूप से अभियान चलाता है। इसके अलावा प्रदेश सरकार राज्य के आबकारी विभाग में खाली पड़े सभी पदों को भरने के लिए अतिरिक्त उपाय कर रही है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को अवैध शराब पर तत्काल कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया है।
  • दृष्टिबाधित छात्रों के लिए बने प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कोई कमी के मामले में दायर याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट 17 फरवरी को सुनवाई करेगा।
  • श्रद्धा हत्याकांड में आरोपी आफताब पूनावाला की याचिका पर साकेत कोर्ट 17 फरवरी को सुनवाई करेगा। याचिका में चार्जशीट की कॉपी और वीडियो को व्यवस्थित ढंग से देने की याचिका में मांग की गई है।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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