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संदेशखाली: SC ने लोकसभा प्रिविलेज कमेटी की कार्यवाही पर लगाई रोक

Sandeshkali, Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को लोकसभा सचिवालय की विशेषाधिकार समिति द्वारा पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य को भाजपा सांसद सुकांत मजूमदार द्वारा उनके खिलाफ दर्ज की गई “कदाचार” की शिकायत के संबंध में जारी किए गए नोटिस पर रोक लगा दी है।
पिछले हफ्ते पश्चिम बंगाल में हिंसा प्रभावित संदेशखली की यात्रा करने से रोके जाने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों के बीच झड़प के दौरान मजूमदार घायल हो गए थे।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने राज्य के अधिकारियों का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक सिंघवी द्वारा प्रस्तुत दलीलों का संज्ञान लिया और सोमवार सुबह 10:30 बजे उनकी उपस्थिति की मांग करते हुए जारी नोटिस पर रोक लगा दी।
लोकसभा सचिवालय के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि यह विशेषाधिकार समिति का पहला सत्र है।वकील ने कहा की, “उन पर कोई आरोप नहीं लगाया जा रहा है। यह एक नियमित प्रक्रिया है। एक बार जब कोई सांसद नोटिस भेजता है और स्पीकर जांच करना जरूरी समझता है, तो नोटिस भेज दिया जाता है।”
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव भगवती प्रसाद गोपालिका और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार को लोकसभा सचिवालय ने सोमवार को पेश होने के लिए बुलाया था।
पीठ ने लोकसभा सचिवालय और अन्य को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर उनका जवाब मांगा है और अंतरिम रूप से निचले सदन पैनल के समक्ष कार्यवाही रोक दी है।
सांसद और अन्य को संदेशखाली में प्रवेश करने से रोक दिया गया, जहां महिलाएं तृणमूल कांग्रेस नेता शाजहां शेख और उनके सहयोगियों द्वारा उनके खिलाफ किए गए कथित अत्याचारों का विरोध कर रही हैं। संदेशखाली तनाव की चपेट में है, इलाके की कई महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज शाजहान शेख और उनके समर्थकों पर दबाव में “जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न” का आरोप लगाया है।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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