दिल्ली आबकारी नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो जमानत याचिका पर सितंबर के महीने में सुनवाई करेंगे। मनीष सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुनवाई के दौरान मनीष की मेडिकल रिपोर्ट पढ़ कर सुनाई और कहा वह पीठ में दर्द, चलने-फिरने में असमर्थ हैं कोर्ट ने कहा है कि मरीज इंडोर है या आउटडोर। जिसपर सिंघवी आउट डोर है। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम अंतरिम जमानत अर्जी खारिज नहीं कर रहे। ये बीमारी कंट्रोल करने से नियंत्रण में रहती है उन्हें एम्स या अन्य बड़े अस्पतालों में ले जाने में हमें कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि बीमारी और उसकी गंभीरता से हम इंकार नहीं कर रहे, लेकिन ये जमानत का आधार नहीं हो सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसी के वकील एएसजी राजू से कहा कि हम सितंबर महीने में नियमित जमानत की सुनवाई के साथ-साथ अंतरिम जमानत पर भी विचार करेंगे, जब हम नियमित जमानत की सुनवाई करेंगे तो हम नीतिगत निर्णय, मनी ट्रेल, सबूतों के साथ छेड़छाड़ के बारे में विवरण जानना चाहेंगे।
दरअसल मनीष सिसौदिया ने अपनी पत्नी की बीमारी का हवाला देते हुए 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। वही दो दिन पहले अदालत में जवाब दाख़िल करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कहा था कि आम आदमी पार्टी के नेता राजधानी में शराब के कारोबार पर एकाधिकार जमाने के लिए दक्षिण भारत के आरोपियों के साथ आपराधिक साजिश में लगे हुए हैं।
सीबीआई के जवाब में यह भी कहा गया कि सिसौदिया ऐसे मामलों में जमानत के लिए ट्रिपल टेस्ट पर खरे नहीं उतरते, क्योंकि वह राजनीतिक रूप से प्रभावशाली हैं। सबूत पहले ही नष्ट कर चुके हैं और पूछताछ के दौरान असहयोग कर रहे हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 3 जुलाई को ईडी मामले में सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। 30 मई को हाई कोर्ट ने इसी घोटाले से जुड़े सीबीआई मामले में सिसौदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।