उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में दाखिल याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को खारिज दिया। दरसअल मुलायम, अखिलेश और प्रतीक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपों की प्रारंभिक जांच बंद करने की सीबीआई के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। याचिका में सीबीआई जांच बंद करने की रिपोर्ट की एक कॉपी भी मांग गई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने आज खारिज कर दिया है।
याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच बंद होने के 6 साल बाद दाखिल याचिका पर सुनवाई का कोई अब कोई औचित्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुलायम सिंह यादव जी का निधन हो गया है,अब इस केस में क्या बचा है?सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से सवाल पूछा कि 2013 के बाद आपने 2019 में दखल दिया, उसपर अब आप हमसे दखल की मांग कर रहे हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी में कहा 2007 और 2012 में कोर्ट ने आदेश दिया था, जिसके बाद सीबीआई ने 7 अगस्त 2013 को अपनी जांच को बंद कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा सीबीआई द्वारा जांच बंद होने के 6 साल बाद 2019 में यह याचिका दाखिल की है, जिसपर अब सुनवाई का कोई मतलब नहीं है।
दरसअल कांग्रेस नेता विश्वनाथ चर्तुर्वेदी ने साल 2005 में मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, डिंपल यादव और प्रतीक यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। याचीका पर सुनवाई के दौरान साल 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले में जांच का आदेश दिया था हालांकि बाद में कोर्ट ने डिंपल को इस केस की जांच से बाहर कर दिया, लेकिन बाकी नेताओं पर जांच चलती रही और अगस्त 2013 में सीबीआई ने प्रारंभिक जांच बंद करते हुए अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी।