मनी लॉंड्रिंग के आरोप में गाजियाबाद कोर्ट से जारी समन खारिज नहीं होगा। राणा अय्यूब को ईडी के सामने पेश होना ही पड़ेगा। यह भी संभव है कि मनी लाँड्रिंग के मामले में राणा अय्यूब को ईडी की हिरासत में अथवा जेल भी जाना पड़ सकता है। क्यों कि सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने राणा अय्यूब की याचिका को खारिज कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका रद्द होने के बाद अब राणा अय्यूब के सामने कोई विकल्प नहीं है। उन्हें ईडी का सामना करना ही पड़ेगा। ध्यान रहे, राणा अय्यूब पर आरोप है कि उन्होंने क्राउड फंडिग के जरिए करोड़ो रुपए जनहित के नाम पर एकत्र किए थे। इस राशिमें से 50 लाख रुपये की एफडी उन्होंने अपने पिता के नाम एक एफडी अपनी बहन के नाम करवाई थी। बाकी पैसे उन्होंने जनहित में खर्च करना दिखाए थे।
इस मामले को ईडी ने मनी लाँड्रिंग के मामले के रूप में दर्ज किया तो जांच में सामने आया कि जनहित के नाम पर एकत्र पैसा निजी विलासिता पर खर्च किया है। ईडी ने इसी आरोप के साथ गाजियाबाद अदालत से राणा अय्यूब को समन जारी करने का आग्रह किया था। गाजियाबाद की अदालत ने ईडी के आरोप पर संज्ञान लिया और समन जारी कर दिए।
अब सुप्रीम कोर्ट से भी कोई राहत मिलने से राणा अय्यूब भारी संकट में पड़ सकती हैं। उन्हें ईडी हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है। अगर सभी सबूत मेल खाते हैं तो ईडी उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है।