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इंटरनेट बैनः मणिपुर सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 17 को

internet ban

राज्य सरकार उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दे रही है जिसमें जातीय झड़पों के कारण 3 मई से लगाए गए इंटरनेट उपयोग पर प्रतिबंधों में ढील दी गई है। सरकारी अधिवक्ता कानू अग्रवाल द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए राज्य ने अपील को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया, जिसमें चिंता व्यक्त की गई कि प्रतिबंधों में ढील का उपद्रवियों द्वारा दुरुपयोग किया जा सकता है और सामान्य स्थिति में वापसी बाधित हो सकती है।

सरकार ने चिंता व्यक्त की कि शरारती तत्व इंटरनेट आधारित संचार सुविधाओं का दुरुपयोग करने के लिए प्रतिबंधों में ढील का फायदा उठा सकते हैं, जिससे सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा पैदा हो सकता है। राज्य ने प्रतिबंधों का बचाव करते हुए कहा कि वे न तो अत्यधिक थे और न ही वर्तमान स्थिति के अनुपातहीन थे।

मणिपुर की बीरेन सिंह सरकार ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद करने में केवल इंटरनेट-डेटा सेवाओं को निलंबित किया जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रभावित क्षेत्र में केवल इंटरनेट और डेटा सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित की गई थीं। इससे किसी के अधिकारों का उल्लंघन नहीं हो रहा है।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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