सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में डाले गए वोटों का वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के साथ क्रॉस-सत्यापन की मांग करने वाली एक एनजीओ की याचिका पर विचार करेगा।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अगुवाई वाली पीठ ने आश्वासन दिया कि याचिका अगले मंगलवार या बुधवार को सुनवाई के लिए निर्धारित की जाएगी। एनजीओ का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील प्रशांत भूषण ने मामले की तात्कालिकता पर जोर दिया।
मामले में पेश हुए वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि चुनाव नजदीक आने के साथ, अगर याचिका पर सुनवाई नहीं की गई, तो यह याचिका अप्रभावी हो जाएगी। न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और बेला एम त्रिवेदी की विशेष पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति खन्ना ने आश्वासन दिया कि अदालत स्थिति से अवगत है और अगले सप्ताह मामले पर विचार करेगी।
17 जुलाई 2023 को शीर्ष अदालत ने एनजीओ ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) द्वारा दायर एक याचिका के संबंध में चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। याचिका में पोल पैनल और केंद्र से यह गारंटी देने का अनुरोध किया गया है कि मतदाता वोटर वेरिफ़िएबल पेपर ऑडिट ट्रेल्स (वीवीपीएटी) के माध्यम से सत्यापित कर सकें कि उनके वोट “रिकॉर्ड के रूप में गिने गए हैं”। सात चरण के लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल, 2024 से शुरू होने वाले हैं।