भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय पर लगाए गए यौन शोषण के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने वापस ट्रायल कोर्ट को भेज दिया है और कहा है कि सीजेएम तय करें कि मुकदमा चलाया जा सकता है या नहीं।
दरअसल, सीजेएम ने पश्चिम बंगाल की एक महिला की शिकायत पर कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ यौन शोषण का मुकदमा चलाने से इंकार कर दिया था। शिकायतकर्ता महिला सीजेएम के आदेश के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट गई। हाईकोर्ट ने सीजेएम आदेश को निरस्त करते हुए कैलाश विजयवर्गीय पर मुकदमा चलाने के आदेश जारी कर दिए।
कैलाश विजयवर्गीय मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट आए। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को फिर से सीजेएम के पास भेजते हुए यह निर्धारित करने के निर्देश दिए ट्रायल कोर्ट यह सुनिश्चित करे कि कैलाष विजय वर्गीय पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए या नहीं।
कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल के अलीपुर के चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट तथ्य देखकर तय करेंगे कि क्या एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया जा सकता है। इससे पहले चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट ने एफआईआर की मांग खारिज कर दी थी।
सुनवाई के दौरान विजयवर्गीय की ओर से कहा गया था कि शुरू में यौन शोषण के आरोप नहीं थे, ये आरोप बाद में जोड़े गए। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि वे इस मामले में कुछ कहना नहीं चाहते हैं।