मथुरा की शाही ईदगाह कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। हालांकि, इस मामले में हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर पहले ही सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर चुके है।
शाही ईदगाह मस्जिद समिति की सर्वोच्च न्यायालय में दायर की याचिका में हाई कोर्ट के 26 मई के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय का फैसला तथ्यों और कानून के आधार पर सही नहीं है। इतना ही नहीं उच्च न्यायालय का फैसला, याचिकाकर्ता के अपील के वैधानिक अधिकार को नकार देता है क्योंकि यह मुकदमे के दो अपीलीय चरणों को छीन लेता है।
26 मई को, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा के जिला न्यायाधीश के समक्ष इस मामले से संबंधित सभी याचिकाओं को खुद के पास ट्रांसफर कर लिया था।
इलाहाबाद में स्थानांतरण याचिका विष्णु शंकर जैन-हरि शंकर जैन द्वारा दायर की गई थी और इसका प्रतिनिधित्व अधिवक्ता प्रभाष पांडे और प्रदीप कुमार शर्मा ने किया था। उन्होंने लाखों भगवान कृष्ण भक्तों के लिए लंबित मामलों के महत्व पर जोर दिया और तर्क दिया कि यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है।
दरअसल हिंदू पक्ष का यह दावा है कि औरंगजेब ने मंदिर तुड़वाकर वहां मस्जिद बनवाई थी।1670 में मथुरा में भगवा केशवदेव का मंदिर तोड़ने का फरमान जारी किया गया था।इसके बाद मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद बना दी गई मथुरा में कुल 13.37 ज़मीन पर मालिकाना हक को लेकर विवाद है, दरअसल श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पास करीब 10.9 एकड़ का और शाही ईदगाह के पास ढाई एकड़ पर मालिकाना हक है। इतना ही नहीं हिंदू पक्ष शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और यह जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि को सौंपने की मांग कर रहा है।