सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कर्नाटक में मुस्लिमों का चार फीसदी कोटा खत्म करने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के लिए मंजूरी दे दी है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने वकील कपिल सिब्बल की मांग पर विचार करने के बाद इसे लिस्ट करने की मंजूरी दे दी।
दरअसल, कर्नाटक मंत्रिमंडल ने हाल ही में अल्पसंख्यकों के लिए चार फीसदी आरक्षण खत्म करने का फैसला किया था। अब उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के तहत लाया जाएगा। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बताया कि अल्पसंख्यकों के लिए चार फीसदी आरक्षण को अन्य के बीच समान रूप से वितरित किया जाएगा। इसे कर्नाटक में वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय के मौजूदा आरक्षण में जोड़ा जाएगा।
कर्नाटक में इसी साल चुनाव होने हैं। ऐसे में इस फैसले को सरकार का चुनावी दांव कहा जा रहा है। इस फैसले के बाद अब कर्नाटक में लिंगायत आरक्षण को 5 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया जाएगा। इसके साथ ही वोक्कालिगा समुदाय के लिए आरक्षण को चार फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी कर दिया जाए।