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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अध्यादेश के बजाय सेवा कानून को चुनौती देने के लिए याचिका में संशोधन की मंजूरी दी

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार को याचिका में संशोधन कर राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित अध्यादेश के बजाय संसद की तरफ से हाल में पारित कानून को चुनौती देने अनुमति दे दी है।

शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी की मांग को स्वीकार कर लिया। वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी की दलीलों पर ध्यान दिया कि पहले याचिका में अध्यादेश को चुनौती दी गई थी जो अब संसद से मंजूरी के बाद कानून बन गया है। पीठ ने केंद्र को संशोधित याचिका पर पक्ष रखने के लिए 4 सप्ताह की अवधि बढ़ा दी हैं

संसद ने हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 उर्फ ​​दिल्ली सेवा विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसे संसद ने मंजूरी दे दी। इस कानून ने राष्ट्रीय राजधानी में नौकरशाहों की नियुक्तियों और तबादलों से संबंधित प्रस्तावित केंद्रीय कानून का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। सदन में विवादास्पद चर्चा और विपक्ष के इसे रोकने के प्रयासों के बावजूद, कानून को मंजूरी दे दी गई।

इससे पहले, सेवाओं पर अध्यादेश को चुनौती 5-न्यायाधीशों की संविधान पीठ को सौंपी गई थी।

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About the Author: Neha Pandey

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