सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन की मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत 6 नवंबर तक बढ़ा दी है।
इससे पहले 9 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत 18 अक्टूबर तक बढ़ा दी थी।
जैन की 21 जुलाई को सर्जरी हुई है। जैन को चिकित्सा आधार पर दी गई अंतरिम जमानत समय-समय पर बढ़ाई जाती है।
इससे पहले 26 मई को शीर्ष अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन को 6 सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी थी, लेकिन मीडिया से बात न करने और बिना अनुमति के दिल्ली छोड़ने सहित कई शर्तें लगाई थीं।
साथ ही, शीर्ष अदालत ने जैन को अपने चिकित्सा उपचार के लिए अपनी पसंद का कोई भी अस्पताल चुनने का विकल्प दिया। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि अंतरिम जमानत पर चिकित्सीय शर्तों पर विचार किया जा सकता है।
सत्येन्द्र जैन ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया। उन्होंने अपने खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है।
सत्येन्द्र जैन के वकील ने शीर्ष अदालत को बताया कि इसके कारण उनका वजन 35 किलो कम हो गया और वह कंकाल में बदल गये।
6 अप्रैल को दिल्ली हाई कोर्ट ने सत्येन्द्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने सत्येन्द्र जैन की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि आवेदक एक प्रभावशाली व्यक्ति है और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की क्षमता रखता है।
इससे पहले 17 नवंबर 2022 को ट्रायल कोर्ट ने सत्येन्द्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उन्हें 30 मई, 2022 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पीएमएलए की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था।
ईडी का मामला इस आरोप पर दर्ज की गई सीबीआई की शिकायत पर आधारित है कि सत्येन्द्र जैन ने 14 फरवरी, 2015 से 31 मई, 2017 तक विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर चल संपत्तियां हासिल कीं, जिसका वह संतोषजनक हिसाब नहीं दे सके।