सुप्रीम कोर्ट ने अवैध धर्मांतरण आरोपी अब्दुल्ला उमर को सशर्त जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा इस मामले में आरोपी के खिलाफ आरोप तय हो चुका है लिहाजा आरोपी को हिरासत में रखने का कोई आधार नही है। हालकि सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी अब्दुल्ला उमर को जमानत देते हुए कई शर्त रखी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जांच पूरी होने तक आरोपी दिल्ली में रहेगा। आरोपी अपना मोबाइल नंबर मामले से जुड़े जांच अधिकारी से साझा करेंगे और अपने साथ न कोई दूसरा मोबाइल नही रखेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा आरोपी जांच पूरी होने तक यूपी राज्य में नही जाएगा। जब भी जांच अधिकारी बुलाएगा तभी यूपी में जाएगा। कोर्ट ने यह शर्त भी रखी कि आरोपी अब्दुल्ला उमर को हर तीसरे दिन नोएडा पुलिस के सामने हाजरी लगाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी आरोपी अब्दुल्ला उमर से कहा है कि बिना कोर्ट की इजाजत के देश छोड़कर नही जाएगा और अपना पासपोर्ट जांच एजेंसी के पास जमा कराएगा।
दरअसल अवैध धर्मांतरण के मामले में अब तक देश भर से 16 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं जिनमें मौलाना उमर गौतम, मौलाना कलीम सिद्दीकी भी शामिल हैं। धर्मांतरण सिंडिकेट के संचालन हेतु विदेशों से भारी फंडिंग की गई थी।
उमर गौतम व उसके साथियों को विदेशों से लगभग 57 करोड़ रुपये की फंडिंग हवाला एवं अन्य माध्यमों से की गई थी जिसके खर्च का ब्यौरा उमर गौतम व उसके साथी नहीं दे सके थे। आरोपी अब्दुल्ला धर्मांतरण कराने के लिए फंडिंग कर रहा था, वह जहांगीर आलम और कौसर के सीधे संपर्क में बताया गया है। एटीएएस की जांच में ये भी सामने आया है कि गिरफ्तार हुआ अब्दुल्ला मौलाना उमर गौतम के अल फारूकी मदरसा और मस्जिद और इस्लामिक दावा सेंटर का काम देखता था। मौलाना उमर गौतम के साथ-साथ अब्दुल्ला के खातों में भी फंडिंग के पुख्ता सबूत यूपी पुलिस को मिले हैं। अब्दुल्ला के बैंक खातों में 75 लाख की फंडिंग हुई है, जिसमें 17 लाख विदेशी फंडिंग से भेजे गए थे.यूपी पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है।