उत्तर प्रदेश सरकार को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है,जिसमें यूपी के सचिव वित्त एसएमए रिजवी और विशेष सचिव वित्त सरयू प्रसाद मिश्रा को हिरासत में लेने के निर्देश दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट यूपी सरकार की याचीका शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमत भी हो गया है।
दरअसल, यह पूरा मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जजों के लिए घरेलू नौकर से जुड़ा है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों के घरेलू नौकर समेत अन्य सुविधाएं बढ़ाने के मामले में चीफ जस्टिस के प्रस्तावित नियम को तत्काल अमल में लाएं। इतना ही नही इस संबंध में जारी पूर्व शासनादेश तीन जुलाई 2018 को अतिक्रमित कर उचित आदेश जारी किया जाए। हाईकोर्ट के चार अप्रैल को पारित आदेश को लेकर शासन ने कोर्ट के समक्ष वापस लेने की अर्जी दी थी। लेकिन कोर्ट ने इसे अपने आदेश की अवहेलना माना।
न्यायमूर्ति सुनीत कुमार व न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रसाद की पीठ ने मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा व अपर मुख्य सचिव वित्त प्रशांत त्रिवेदी को सीजेएम लखनऊ के जरिए जमानती वारंट जारी कर गुरुवार को कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया