सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से शुक्रवार को अतीक अहमद और अशरफ की हत्या मामले की जांच की प्रगति रिपोर्ट मांगी है। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से यह भी पूछा कि विकास दुबे एनकाउंटर के बाद पुलिस कामकाज को लेकर जस्टिस बी एस चौहान की रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई की गई है?
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा हमने ये घटना टीवी पर देखी है, दोनों को अस्पताल में सीधे एंबूलेंस से क्यों नहीं ले जाया गया। उनकी परेड क्यों कराई जा रही थी? सुप्रीम कोर्ट ने तीन हफ्ते बाद मामले की सुनवाई करेगा। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से मुकुल रोहतगी अदालत में पेश हुए, रोहतगी ने कहा हमने जांच के लिए दो-दो पूर्व चीफ जस्टिस का आयोग बनाया है। इस मामले में यूपी सरकार ने तेजी से काम किया है।
वकील विशाल तिवारी ने जनहित याचिका दाखिल कर पूर्व जज की निगरानी में अतीक और अशरफ की हत्या की जांच की मांग की है। इतना ही नही याचिका में उत्तर प्रदेश में 2017 के बाद हुए सभी 183 एनकाउंटरों की जांच की मांग की भी गई है।
वकील विशाल तिवारी ने अपनी याचीका में मांग की है कि अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति का गठन किया जाए। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुलिस मुठभेड़ लोकतंत्र के लिए खतरा बनने के साथ ही कानून के राज के लिए भी खतरनाक हैं।
दरसअल अतीक अहमद की शनिवार को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थीं। याचिका में 2020 विकास दूबे मुठभेड़ मामले की सीबीआई से जांच की मांग की गई है। इससे पहले माफिया अतीक अहमद की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा करती एक याचिका को सुनने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया था।