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EWS आरक्षण के खिलाफ दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर नौ मई को सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

EWS QUOTA

ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर केंद्र के फैसले को सही ठहराने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल समीक्षा याचिकाओं पर कोर्ट नौ मई को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। इन याचिकाओं में 103वें संवैधानिक संशोधन की वैधता को चुनौती दी गई है। यह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10% आरक्षण प्रदान करता है।

केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 40 से ज्यादा याचिकाएं दायर की गई थीं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 27 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। पिछले साल ही सात नवंबर को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण बरकरार रखने के केंद्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया था।

याचिकाकर्ताओं ने अपनी दलील में सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि 50 फीसदी सीमा में ओबीसी को 27 फीसदी, एससी को 15 फीसदी और एसटी को 7.5 फीसदी आरक्षण मिला है। लेकिन सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 फीसदी आरक्षण मिलने से यह सीमा 59.5 फीसदी हो जाती है। लेकिन केंद्र सरकार ने इसपर सफाई देते हुए कहा था कि आरक्षण के 50% बैरियर को हमने नहीं तोड़ा है क्योंकि 1992 के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने ही कहा था कि 50% से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए ताकि बाकी 50% जगह सामान्य वर्ग के लोगों के लिए बचा  रहे। यह आरक्षण 50% में आने वाले सामान्य वर्ग के लोगों के लिए ही है। यह बाकी के 50% वाले ब्लॉक को किसी भी तरह से डिस्टर्ब नहीं करता है।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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