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जांंच पूरी किए बिना कोर्ट में दाखिल न करें चार्जशीट, सुप्रीम कोर्ट की जांच एजेंसियों को हिदायत

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि किसी आरोपी को डिफॉल्ट जमानत से वंचित करने के लिए जांच एजेंसी को बिना जांच पूरी किए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल नहीं करनी चाहिए।

सीआरपीसी की धारा 167 के अनुसार, अगर जांच एजेंसी रिमांड की तारीख से 60 दिनों के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने में विफल रहती है तो एक आरोपी डिफ़ॉल्ट जमानत का हकदार होगा। कुछ श्रेणी के अपराधों के लिए, निर्धारित अवधि को 90 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है।

जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने कहा, “अगर कोई जांच एजेंसी जांच पूरी किए बिना चार्जशीट दाखिल करती है, तो इससे आरोपी का डिफ़ॉल्ट जमानत पाने का अधिकार खत्म नहीं हो जाएगा।”

शीर्ष अदालत का यह फैसला एक आपराधिक मामले के एक आरोपी को जमानत देते हुए आया है।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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