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तेजस्वी यादव की गुजरातियों पर टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट हलफनामा दाखिल करो

Tejaswi yadav

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (29 जनवरी) को राजद नेता तेजस्वी यादव से कहा है कि अगर वो अपने बयान “गुजराती ही ठग है हो सकता है” को वापस लेते हुए स्पष्ट हलफनामा देते हैं तो उनकी याचिका पर विचार किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने तेजस्वी यादव को स्पष्ट हलफनामा दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की खंडपीठ ने प्रतिवादी (शिकायतकर्ता) द्वारा आपत्ति उठाए जाने के बाद यादव से एक सरल और स्पष्ट बयान मांगा कि बयान वापस लेने के संबंध में यादव द्वारा अदालत में दायर किया गया पिछला बयान स्पष्ट नहीं था।

अदालत ने मौखिक रूप से टिप्पणी की, “उन्होंने विशेष समुदाय या किसी विशेष राज्य के लोगों के खिलाफ जो कुछ भी कहा है, उसे केवल वापस लेने की आवश्यकता है।”

अदालत ने प्रतिवादी के वकील से पूछा, “अगर कुछ जोड़ने की जरूरत है तो हमें बताएं… ताकि आपके क्लाँट की संतुष्टि पर इसका निपटान किया जा सके।”

प्रतिवादी के वकील ने तर्क दिया कि यादव की टिप्पणी पूरे गुजराती समुदाय को नुकसान पहुंचाने के लिए थी और उनका मुवक्किल वर्तमान बयान से संतुष्ट नहीं था।

इसके बाद अदालत ने यादव के वकील से उनके द्वारा की गई टिप्पणी को वापस लेते हुए एक सप्ताह के भीतर नया बयान दाखिल करने को कहा।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा कि “हम याचिकाकर्ता (तेजस्वी यादव) को अदालत में आज जो कुछ हुआ उसके संदर्भ में उचित बयान दर्ज करने के लिए एक सप्ताह का समय देते हैं।”

पिछले हफ्ते, अदालत ने शिकायतकर्ता हरेश मेहता से पूछा था कि क्या अभियोजन अब आवश्यक है क्योंकि यादव ने गुजरातियों के बारे में अपनी टिप्पणी वापस ले ली है। अदालत यादव द्वारा दायर एक स्थानांतरण याचिका पर विचार कर रही थी जिसमें टिप्पणी पर उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि शिकायत को अहमदाबाद से गुजरात के बाहर किसी भी स्थान पर स्थानांतरित करने की मांग की गई थी।

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About the Author: Yogdutta Rajeev

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