भारत के राष्ट्रपति द्वारा नई संसद का उद्घाटन करने के लिए लोक सभा सचिवालय और भारत सरकार को निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट मे दाखिल की गई जनहित याचिका ।
सुप्रीम कोर्ट के वकील सी.आर.जया सुकिन की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया है कि उद्घाटन समारोह से राष्ट्रपति को शामिल नहीं करके भारत सरकार ने “भारतीय संविधान का उल्लंघन किया गया है और संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा है।”
“संसद भारत का सर्वोच्च विधायी निकाय है। भारतीय संसद में राष्ट्रपति और दो सदन (राज्यों की परिषद) और लोक राज्य सभा भा (जनता का सदन) शामिल हैं। राष्ट्रपति के पास किसी भी सदन को बुलाने और सत्रावसान करने की शक्ति है.. साथ ही संसद या लोकसभा को भंग करने की शक्ति भी राष्ट्रपति के पास है।
याचिका में कहा गया है कि ,”राष्ट्रपति संसद का एक अभिन्न अंग है, क्यों राष्ट्रपति को शिलान्यास समारोह से दूर रखा गया और अब वो उद्घाटन समारोह का हिस्सा नहीं है, सरकार का यह फैसला उचित नहीं है ।