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जस्टिस विक्टोरिया के खिलाफ याचिका में ‘व्यक्तिपरक’ आंकलन इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी पिटीशन

Victoria Gowri, Supreme Court, Madras High Court

मद्रास हाई कोर्ट में अतिरिक्त जज के रूप में एल विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार करने के कारणों दर्शाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विस्तृत आदेश जारी कर दिया है।

जस्टिस खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने जस्टिस एल विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने का कारण विस्तार से बताया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 7 फरवरी को मामले पर सुनवाई के बाद कोई आदेश पारित करने से इनकार करते हुए कहा था कि याचिका में उठाया गया मुद्दा गौरी की योग्यता से संबंधित नहीं है, बल्कि जज के रूप में उनकी उपयुक्तता से संबंधित है। कोर्ट ने कहा कि यह एक व्यक्तिपरक आकलन है। इसलिए कोर्ट मामले में कोई आदेश जारी करने का इच्छुक नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के वकीलों द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई कर चुका है।जिसमें जस्टिस गौरी की हाई कोर्ट में जज के रूप में नियुक्ति को चुनौती देते हुए कहा गया है कि उन्होंने कथित तौर पर कुछ वर्ग के नागरिकों के खिलाफ पूर्वाग्रह से ग्रसित रही हैं।

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामचंद्रन ने कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 217 के तहत निर्धारित हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के लिए पात्रता मानदंड में कुछ निहित शर्तें भी हैं। यदि जस्टिस गौरी को पद की शपथ दिलाई जाती है तो उनका उल्लंघन होगा।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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