सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन के लिए दायर एक आपराधिक मामले में गिरफ्तारी से सुरक्षा दे दी है।
न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति पीके मिश्रा की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।
अंसारी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि मुख्य आरोपी को मामले में पहले ही नियमित जमानत दी जा चुकी है। पिछले साल 19 दिसंबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उमर अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए अपराध बनता है।
4 मार्च, 2022 को मऊ जिले के कोतवाली पुलिस स्टेशन में अब्बास अंसारी (मऊ सदर सीट से एसबीएसपी उम्मीदवार), उमर अंसारी और 150 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि 3 मार्च, 2022 को पहाड़पुरा मैदान में मंसूर अहमद अंसारी द्वारा आयोजित एक सार्वजनिक बैठक के दौरान अब्बास अंसारी और उमर अंसारी ने मऊ प्रशासन के साथ हिसाब-किताब तय करने का आह्वान किया, जो चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है।