केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि वह जजों की नियुक्ति में समयसीमा का पालन करेगी और न्यायिक नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाएगी। केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने अदालत को अवगत कराया कि सरकार के पास अब तक की 104 सिफारिशों में से 44 पर शनिवार तक कार्रवाई की जाएगी।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक ऐसा माहौल बनाने पर चिंता व्यक्त की, जहां मेधावी लोग किसी न्यायाधीश के पद पर नियुक्ति के लिए अपने नामों को मंजूरी देने में देरी के कारण सहमति देने से हिचकिचा रहे हों। शीर्ष अदालत ने कहा कुछ लोगों ने अपने नामों को वापस ले लिया है क्योंकि उनके नामों को महीनों से मंजूरी नहीं मिली है।
अदालत ने टिप्पणी की कि व्यक्ति पेशेवर रूप से प्रभावित होता है, इसलिए लोग सहमति देने में संकोच करते हैं। कोर्ट ने दो उत्कृष्ट वकीलों का उदाहरण दिया जिन्होंने अपने नामों को मंजूरी देने में देरी के कारण अपना नाम वापस ले लिया। अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने मामले को चार सप्ताह के बाद सूचीबद्ध करने का आग्रह किया उन्होंने कहा इस मुद्दे पर कुछ परामर्श करने की आवश्यकता है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को 3 फरवरी को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है।