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शहरी निकाय चुनावों में OBC आरक्षणः हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ SC में याचिका दाखिल करेगी यूपी सरकार

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स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के फ़ैसले के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेगी। राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कहा जायेगा कि उन्होंने ओबीसी आयोग का गठन कर दिया है ऐसे में स्थानीय निकाय चुनाव, आयोग की रिपोर्ट आने के बाद कराए जाएं।

सूत्रों के मुताबिक याचिका में राज्य सरकार, हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने, आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही चुनाव कराने की मंजूरी देने का आग्रह करेगी। 

वही उत्तरप्रदेश निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट से राहत न मिलने के बाद बुधवार को योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश में ओबीसी आयोग का गठन कर दिया है। राज्य सरकार की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग में रिटायर्ड जज राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनायी गयी है। इसमें रिटायर्ड आईएएस चोब सिंह वर्मा, रिटायर्ड आईएएस महेन्द्र कुमार, भूतपूर्व विधि परामर्शी संतोष कुमार विश्वकर्मा और पूर्व अपर विधि परामर्शी व अपर जिला जज बृजेश कुमार सोनी को भी आयोग में शामिल किया गया है। आयोग निकाय चुनाव में ओबीसी वर्ग को आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। उस रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण निर्धारित करेगी।

दरसअल लखनऊ हाईकोर्ट ने मंगलवार को अहम फैसला सुनाते हुए साफ कहा निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के कराए जाएंगे। हाईकोर्ट ने कहा जब तक सुप्रीम कोर्ट की तरफ से निर्धारित ट्रिपल टेस्‍ट ना हो तब तक आरक्षण नहीं किया जाए। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में 2017 के ओबीसी रैपिड सर्वे को नकार दिया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच आज उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर दाखिल याचीका पर फैसला सुनाया है। 24 दिसंबर कोउत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर दाखिल याचीका पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह सुनवाई हाई कोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ ने रायबरेली निवासी सामाजिक कार्यकर्ता वैभव पांडेय व अन्य की जनहित याचिकाओं पर की।

राज्य सरकार ने कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा है कि स्थानीय निकाय चुनाव के मामले में 2017 में हुए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सर्वे को आरक्षण का आधार माना जाए। सरकार ने कहा है कि इसी सर्वे को ट्रिपल टेस्ट माना जाए।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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