दिसंबर में 2021 में आयोजित धर्म संसद के मामले में दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि इस मामले की जांच निष्पक्ष और बिना किसी पक्षपात के की जा रही है।
दिल्ली पुलिस ने शपथ पत्र में कहा है कि इस मामले में दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता, एक प्राइवेट चैनल के मुख्य संपादक, हिंदू वाहिनी के सदस्यों समेत अन्य नेताओं की जांच की गई है। चैनल के एडीटर इन चीफ के आवाज़ का नमूना आने वाली 17 मार्च को रिकार्ड किया जाएगा। फॉरेंसिक साइंस लैब मार्च में प्राइवेट चैनल के संपादक की आवाज के नमूने का यूट्यूब के वीडियो के साथ मिलान कर जांच करेगी।
हलफनामे में कहा गया है कि दिल्ली BJP के प्रवक्ता विक्रम बिधूड़ी और प्राइवेट चैनल के एडीटर इन चीफ से 1 नवंबर 2022 को पूछताछ की जा चुकी है। यह भी कहा है कि कथित घृणास्पद भाषण वीडियो की जांच की गई है और उसकी ट्रांसक्रिप्ट भी तैयार की गई है
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा था आपको प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पांच महीने की आवश्यकता क्यों है? कितनी गिरफ्तारियां की गई हैं?’
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा था कि जांच में कोई स्पष्ट प्रगति नहीं हुई है।दिल्ली पुलिस के जांच अधिकारी से दो हफ्ते में हलफनामा दायर कर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था
तुषार गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल कर भड़काऊं भाषणों और लिंचिंग को रोकने के लिए निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार कोई कदम नहीं उठाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग है।