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इलाहाबाद हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला- तलाकशुदा मुस्लिम महिला जीवनभर गुजारा भत्ता की हकदार

Allahabad High Court

तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं के गुजारे भत्ते को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट बुधवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि तलाकशुदा मुस्लिम महिला को सिर्फ इद्दत की अवधि (यानी साढ़े तीन महीने ही नहीं), बल्कि जीवन भर गुजारा भत्ता पाने का अधिकार है।

हाईकोर्ट ने फैसले में कहा गुजारा भत्ते की रकम इतनी होनी चाहिए, जिसमें तलाकशुदा मुस्लिम महिला पहले जैसी सम्मानजनक जिंदगी जी सके। हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर फैमिली कोर्ट के सिर्फ इद्दत की अवधि तक ही गुजारा भत्ता दिलाने के आदेश को अवैध करार देते हुए इसे रद्द कर दिया है।अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश ने वैधानिक उप उपबंधों और साक्ष्यों का सही तरीके से गौर किए बगैर ही आदेश जारी किया था।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसले में कहा  कि सिर्फ लिंग या धर्म के आधार पर मुस्लिम महिलाओं के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता। इतना ही नही कोर्ट ने यह भी कहा कि गुजारा भत्ते के साथ ही तलाकशुदा मुस्लिम महिला मेहर की रकम और शादी में मिले सभी उपहार को भी पाने की हकदार रहेगी।

कोर्ट ने कहा है कि गुजारा भत्ता इतना पर्याप्त होना चाहिए कि तलाकशुदा महिला के रहने – खाने -कपड़ों व अन्य जरूरतों को आसानी से पूरा किया जा सके। हालांकि की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में यह साफ किया है कि तलाकशुदा मुस्लिम महिला जीवन भर गुजारा भत्ते को पाने की हकदार तभी होगी जब उसने दूसरी शादी ना की हो। अगर महिला ने दूसरी शादी कर ली है तो ऐसे हालात में वह पूर्व पति से गुजारा भत्ता पाने की हकदार नहीं रह पाएगी।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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