दिल्ली उच्च न्यायालय ने बिहार के एक प्रवासी मजदूर की दिल्ली में जनवरी 2022 में कोविड-19 के कारण अपनी पत्नी की मृत्यु के लिए अनुग्रह भुगतान की मांग करने वाली याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह की पीठ प्रवासी मजदूर मो. बिहार के साबिर सफी,की पत्नी का 13 जनवरी, 2022 को निधन हो गया था। सफी ने कोविड-19 के कारण अपनी पत्नी की मृत्यु को देखते हुए अनुग्रह राशि की मांग की।
सफी ने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका डाली कि उसने बिहार में अनुग्रह राशि जारी करने के लिए एक आवेदन दिया था,परंतु उस आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि मौत दिल्ली में हुई है इसलिए अनुग्रह राशि दिल्ली सरकार ही दे सकती है।
सफी की ओर से पेश अधिवक्ता राहुल सागर सहाय और राघव राजमलानी ने तर्क दिया कि मुख्यमंत्री योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार दिल्ली के निवास प्रमाण को एक सहायक दस्तावेज के रूप में आवश्यक था और याचिकाकर्ता को किसी भी राज्य से अनुग्रह राशि का भुगतान नहीं किया गया।
साबिर सफी के वकील ने कहा कि दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली में योजनाओं के पात्र होने के लिए दिल्ली के निवास प्रमाण होने की आवश्यकता मूल मुख्यमंत्री योजना या दिल्ली में डीडीआरएफ योजना का हिस्सा नहीं थी, बल्कि एक दिशानिर्देश के माध्यम से जोड़ा गया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह उपरोक्त अनुदान भुगतान के लिए मूल योजना थी।
सफी के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि दिल्ली सरकार उन मृतक परिवार के सदस्यों को अनुग्रह राशि प्रदान करती है जिनकी मृत्यु कोविड-19 के कारण हुई था। इसके अलावा भी योजनाएँ हैं, जैसे मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सहायता योजना और दिल्ली आपदा प्रतिक्रिया कोष (डीडीआरएफ) और डीडीआरएफ योजना के तहत भी दिल्ली सरकार सहायता राशि दे सकती है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने सफी के वकील की दलीलों पर गौर करते हुए,दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर दिया।। अदालत ने प्रतिवादियों को उठाए गए मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने का निर्देश दिया और उन्हें बिहार राज्य को एक पक्ष के रूप में पक्षकार बनाने का भी निर्देश दिया। अब इस मामले की सुनवाई 20 जुलाई को निर्धारित की गई है।