केरल हाई कोर्ट ने देश में टेलीग्राम मैसेजिंग एप्लिकेशन को बंद करने की मांग वाली याचीका खारिज की। केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति मुरली पुरुषोत्तमन की खंडपीठ ने जनहित याचिका का निस्तारण करते हुए याचिकाकर्ता को कहा कि वो सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) के तहत संदेश सेवा के शिकायत अधिकारी से संपर्क कर सकता है। आपत्तिजनक सामग्री को हटाने के लिए नियम, 2021। जनहित याचिका एक महिला द्वारा दायर की गई थी जिसने तर्क दिया था कि टेलीग्राम मैसेजिंग एप्लिकेशन पर महिलाओं और बच्चों की अश्लील सामग्री प्रसारित कर रहा था।
जनहित याचिका में दावा किया गया था कि “टेलीग्राम का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए भी किया जा रहा था और समाज में वैमनस्य पैदा कर रहा था। टेलीग्राम का भारत में कोई नोडल अधिकारी या पंजीकृत कार्यालय नहीं है और जांच एजेंसियां उचित जांच सुनिश्चित करने में असमर्थ हैं क्योंकि उपयोगकर्ताओं को अपनी पहचान का खुलासा करने की आवश्यकता नहीं है।”
केंद्र सरकार ने कहा याचिकाकर्ता के पास आईपीसी या किसी अन्य लागू कानून के तहत किए गए किसी भी संज्ञेय अपराध के लिए उपयुक्त कानून प्रवर्तन एजेंसी या साइबर अपराध सेल के पास शिकायत दर्ज कराने का विकल्प भी है। केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता साइबर क्राइम की रिपोर्ट करने के लिए साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल का भी इस्तेमाल कर सकता है।