बॉम्बे हाई कोर्ट ने अंधेरी मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा जारी समन के खिलाफ भारतीय सिनेमा अभिनेता सलमान खान की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। सम्मन एक पत्रकार द्वारा अभिनेता पर मारपीट और कदाचार का आरोप लगाने वाली शिकायत पर जारी किया गया था।
सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति भारती डांगरे ने कहा, हर किसी की अपनी निजता है,चाहे वह अभिनेता, वकील हो या न्यायाधीश हों। हम में से कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। न तो कोई अभिनेता और न ही कोई मीडिया पर्सन। सभी कानून का पालन करने के लिए बंधे हुए हैं।
अंधेरी कोर्ट जारी समन के अनुसार, सलमान खान ने मुंबई में साइकिल चलाते समय पत्रकार का मोबाइल फोन छीन लिया। घटना उस समय हुई जब शिकायतकर्ता अपनी फोटो क्लिक कर रहा था। अभिनेता ने कथित तौर पर बहस की और पत्रकार को धमकी दी।
हाईकोर्ट ने दस्तावेद देखने के बाद कहा कि शिकायतकर्ता जर्नलिस्ट के बयान में बदलाव है, पहले केवल उसका फोन छीने जाने का जिक्र था और हमले के बारे में कुछ नहीं था।
बाद में जब उसने मजिस्ट्रेट के सामने शिकायत दर्ज कराई तो कथित तौर पर मारपीट का भी जिक्र किया। न्यायमूर्ति डांगरे ने पूछा, “क्या आपको हमला करनेका एहसास दो महीने के बाद हुआ?
जर्नलिस्ट की ओर से पेश हुए अधिवक्ता फाजिल शेख ने कहा कि पहली शिकायत में भी ऐसा उल्लेख किया गया था। “बयानों में लिखा है, झपटा मरते हुए, वह (सलमान खान) जबरन फोन लेकर चला गया। सलमान खान ने हाथापाई की। उसने बल का प्रयोग किया। जब पत्रकार ने पुलिस कंट्रोल को 100 नंबर डायल किया, तब उसने फोन वापस किया।
न्यायमूर्ति डांगरे ने यह भी कहा कि अंधेरी अदालत के मजिस्ट्रेट ने सम्मन जारी करते समय उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया था।
मामले पर बहस पूरी होने के बाद न्यायमूर्ति डांगरे ने कहा कि आदेश 30 मार्च को सुनाया जाएगा।