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कुत्ते-बिल्लियों के साथ क्रूरता और नफरत का व्यवहार स्वीकार्य नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

Bombay High Court, Street Dogs

बंबई उच्च न्यायालय ने एक याचीका पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी करते हुए कहा कि “आवारा कुत्तों के साथ क्रूरता और नफरत का व्यवहार स्वीकार्य नहीं किया जा सकता। ‘न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी और न्यायमूर्ति आर एन लड्डा की खंडपीठ ने मंगलवार को उच्च न्यायालय भवन परिसर में कई आवारा कुत्तों और बिल्लियों की देखभाल करने वाले वकीलों और न्यायाधीशों का उदाहरण दिया। न्यायमूर्ति कुलकर्णी ने कहा कि “उच्च न्यायालय भवन का एक चक्कर लगा लीजिए…क्या आपने बिल्लियों की संख्या देखी है…वे कभी-कभी मंच पर भी बैठी होती हैं। आप उन्हें (बिल्लियों को) कहीं भी ले जाएं, वे वापस आ जाएंगी।” इसलिए, अदालत ने कहा, “ये जानवर भी जीवित प्राणी हैं और हमारे समाज का हिस्सा हैं… हमें उनकी देखभाल करनी होगी।” उन्होंने कहा कि एक न्यायाधीश, जो अब सेवानिवृत्त हो चुके है, अपने साथ बिस्कुट रखते थे और कुत्ते उसके पीछे-पीछे चलते थे।

मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि हाउसिंग सोसाइटी ने पीठ को सूचित किया कि उसने किसी बाउंसर को काम पर नहीं रखा है जैसा कि याचिका में आरोप लगाया गया है। अदालत ने सोसायटी प्रबंधन और याचिकाकर्ता को मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने और आवारा पशुओं के लिए एक जगह भोजन स्थान पर विचार करने का निर्देश दिया। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 6 अप्रैल को तय की है।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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