
बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ एंटीलिया मामले के साथ-साथ व्यवसायी मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में जांच की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति सुनील शुकरे और न्यायमूर्ति कमल खाता की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा जिस सामग्री पर भरोसा किया गया वह किसी भी संज्ञेय अपराध के होने का खुलासा नहीं करती है और न ही यह दिखाती है कि पूर्व पुलिस आयुक्त के हाथों संज्ञेय अपराध किए जाने की कोई उचित संभावना है। अपराध दर्ज करने की मांग करने वाले व्यक्ति की जानकारी होने पर यह नहीं कहा जा सकता है कि पुलिस द्वारा और जांच की आवश्यकता है और अपराध में ऐसी जांच की मांग करने वाले व्यक्ति का इस मामले में अधिकार है।”
पीठ ने कहा”सीआरपीसी की धारा 154 के संदर्भ में केवल वही मुखबिर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज करने का अधिकार रखता है, जिसके पास संज्ञेय अपराध के बारे में विश्वसनीय जानकारी है। सीआरपीसी की धारा 154 के संदर्भ में संज्ञेय अपराध का खुलासा करता है।