मोदी सरनेम मानहानि केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचीका पर शनिवार को उनकी तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस हेमंत एम प्राच्छक की कोर्ट में दलीलें रखी। सिंघवी ने राहुल गाँधी की सजा पर रोक की मांग की है। सिंघवी ने कहा कि जब नवजोत सिंह सिद्धू को सजा पर रोक मिल सकती है तो राहुल गांधी को क्यों नहीं? सिंघवी ने कई मामलों के रेफरेंस भी अदालत में पेश किए। सिंघवी ने दलीलें रखते हुआ कहा कि भाषण के मामले में तीन संभावनाएं होती है। मैंने खुद भाषण सुना और मैं वहां था इसलिए शिकायत दर्ज करता हूं। दूसरा यह हो सकता है कि एक रिपोर्टर इसमें शामिल हो और एक कहानी दर्ज करे, वह गवाही दे सकता है या अंत में, कोई अन्य व्यक्ति, जो कार्यक्रम में शामिल हुआ हो, भाषण को प्रमाणित कर सकता है। इस मामले में मौजूद गवाहों में से कोई भी उपरोक्त तीन श्रेणियों से नहीं आता है। गुजरात हाई कोर्ट में राहुल गाँधी की याचीका पर मंगलवार यानी 2 मई को भी जारी रहेगी।
दरसअल कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरनेम विवाद मामले में मिली सजा पर रोक की मांग को लेकर गुजरात हाई कोर्ट में याचीका दाखिल की है। राहुल गाँधी ने इसी मंगलवार को हाई कोर्ट में निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी है। सूरत सेशन कोर्ट ने 20 अप्रैल को राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया था।
इससे पहले मोदी सरनेम’ टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ दायर 2019 के आपराधिक मानहानि के मामले में सूरत जिला अदालत ने दोषी ठहराते हुए दो साल की जेल की सजा सुनाया था।
13 अप्रैल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली में राहुल गांधी ने मोदी ‘उपनाम’ पर कथित टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी पर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने न्यायालय में राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा किया था।