कर्नाटक में के.एम. शंकर नाम के एक मतदाता ने मुख्यमंंत्री सिद्धारमैया को अयोग्य साबित करने के लिए एक याचिका दायर की है। सिद्धारमैया ने वरुणा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। याचिका में आरोप लगाया गया है कि सिद्धारमैया और कांग्रेस पार्टी ने मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए उन्हें मुफ्त लाभ देने का वादा किया था। हाल ही में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने हस्ताक्षर वाले के गारंटी कार्ड वितरित किए थे। याचिका में कुछ संशोधन के निर्देश के साथ ही कर्नाटक हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए 28 जुलाई की तारीख निर्धारित की है।
कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक में स्पष्ट बहुमत प्राप्त करने में सहायता के लिए पांच गारंटी योजनाओं का उपयोग किया था और गारंटी कार्ड वितरित किए थे। मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने इन गारंटी कार्डों पर हस्ताक्षर किए थे। चुनाव से पहले उन्हें पूरे राज्य में वितरित किया था।
मुख्यमंंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ याचिका में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123(1) के तहत वरुणा निर्वाचन क्षेत्र से उनके निर्वाचन को चुनौती दी गई है। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 की उपधारा 1 मतदाताओं को प्रलोभन देने पर रोक लगाती है। आरोपों में कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी ने मतदाताओं को प्रलोभन देन के लिए गारंटी कार्ड बांटे थे।
निर्वाचन नियमावली के उल्लंघन के आरोप का हवाला देते हुए ही के.एम. शंकर ने विधानसभा चुनाव के लिए सिद्धारमैया की उम्मीदवारी को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।