झारखंड उच्च न्यायालय ने गुरुवार को चिटफंड कंपनियों द्वारा निवेशकों को पैसा लौटाने से संबंधित एक मामले में राज्य सरकार को उसके आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने के लिए समय दिया है।
धन की वापसी सुनिश्चित करने के लिए उच्च न्यायालय से निर्देश मांगने के लिए गैर-बैंकिंग अभिकर्ता एवं निवेशक सुरक्षा समिति ने अपने अध्यक्ष जावेद अख्तर के माध्यम से एक जनहित याचिका दायर की थी।
मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आनंद सेन की पीठ ने 11 सितंबर को सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और 2 अन्य सदस्यों की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति नियुक्त की जाए और निवेशकों को धन की वापसी की प्रक्रिया पर गौर किया जाए।
राज्य के वकील ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि वह एक समिति के गठन और 45 दिनों की अवधि में धन वापस करने के पीठ के आदेश को चुनौती देना चाहते हैं।
मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आनंद सेन की पीठ ने सरकार की दलील स्वीकार करते हुए मामले को स्थगित कर दिया और अब इस पर छह दिसंबर को फिर सुनवाई होगी।
अदालत को पहले सूचित किया गया था कि सीबीआई और ईडी ने चिटफंड कंपनियों में जमा धन जब्त कर लिया है और विभिन्न बैंकों में पड़ा हुआ है।
याचिकाकर्ता ने कहा, यह पैसा सही मायने में उन निवेशकों का है जिनकी मेहनत की कमाई को धोखा दिया गया है और इसे जल्द से जल्द उन्हें वापस किया जाना चाहिए।