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LGBT महिला ने अपनी गर्लफ्रेंड की बरामदगी के लिए खटखटाया हाईकोर्ट का दरबाजा

LGBT, Punjab Haryana High Court

पंचकुला की एक एलजीबीटी महिला ने पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और कहा है कि उसकी प्रेमिका अपने माता-पिता की अवैध हिरासत में है और उसकी जान को खतरा है। हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।
एलजीबीटी महिला ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी गर्लफ्रेंड की जान को खतरा बताया और अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई। याचिका के अनुसार याचिकाकर्ता के दोस्त ने याचिकाकर्ता की मां को फोन किया और दावा किया कि उनकी जान को खतरा है। हाईकोर्ट ने मामले को गंभीर माना है और चंडीमंदिर पुलिस को याचिकाकर्ता की प्रेमिका को अगली सुनवाई पर पेश करने का आदेश दिया है।
याचिका दायर करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि वह पंचकुला में अपने पड़ोस में रहने वाली एक लड़की से प्यार करती थी। जब दूसरी लड़की के परिवार को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने याचिकाकर्ता और उनकी बेटी को अलग करने की कोशिश शुरू कर दी।
बाद में याचिकाकर्ता अपने साथी के साथ दिल्ली चली गई। उसे पता चला कि उसकी प्रेमिका के परिवार ने पुलिस में अपनी बेटी के अपहरण की शिकायत दर्ज कराई है।
इसकी सूचना मिलने पर दोनों थाने पहुंचे और अपना बयान दर्ज कराने का फैसला किया।

याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और जैसे ही वे वहां से निकले, उन दोनों को पुलिस वाहन में वापस पुलिस स्टेशन लाया गया। थाने में पुलिस ने दोनों को बुरी तरह पीटा।
याचिकाकर्ता की प्रेमिका के परिजन वहां मौजूद थे। याची की प्रेमिका को उसके परिजन अपने साथ ले गये। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि इस घटना के बाद पुलिस उत्पीड़न के कारण उसने जहर खाने का प्रयास किया।
याचिकाकर्ता ने कहा कि उसकी प्रेमिका को उसके परिवार वाले उत्तर प्रदेश ले गए हैं। उसकी प्रेमिका ने याचिकाकर्ता की मां को गुप्त रूप से फोन किया और उन्हें पूरी घटना की जानकारी दी।
कॉल के दौरान याचिकाकर्ता की गर्लफ्रेंड ने कहा कि उसके साथ जबरदस्ती कुछ भी हो सकता है। लड़की ने यह भी दावा किया कि वह याचिकाकर्ता के बिना नहीं रह पाएगी। याचिकाकर्ता ने अपनी प्रेमिका की अवैध हिरासत का मामला हाई कोर्ट के सामने पेश किया।
अब कोर्ट ने याचिकाकर्ता के दोस्त को अगली सुनवाई पर पेश करने की जिम्मेदारी पुलिस पर डाल दी है।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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