इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद को रेप के एक मामले में अगली सुनवाई तक के लिए अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी है। कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने अदालत से स्वामी चिन्मायनंद को अग्रिम जमानत देने की गुहार लगाई।
मामलो की सुनवाई कर रही जस्टिस समित गोपाल की खंडपीठ ने इस वकील अनूप त्रिवेदी की दलीलों पर उत्तर प्रदेश सरकार और पीड़िता से जवाब दाखिल करने को कहा है। अदालत ने सरकार को इस मामले में चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति समित गोपाल ने इस मामले में स्वामी चिन्मयानंद के वकील अनूप त्रिवेदी को सुनने और स्वामी चिन्मयानंद की अग्रिम जमानत अर्जी को मंजूर कर लिया। इस याचिका से पहले भी कोर्ट ने रिट कार्यवाही में याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। अतिरिक्त महाधिवक्ता एम.सी. चतुवेर्दी और अतिरिक्त सरकारी अधिवक्ता ए.के. सांड ने राज्य सरकार की ओर से जमानत अर्जी का विरोध किया भी किया
दरअसल, यह मामला साल 2011 का है जब बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद के आश्रम द्वारा संचालित कॉलेज की एक छात्रा ने बंधक बनाकर उसके साथ कथित रूप से रेप करने का आरोप लगाया गया था। छात्रा की लिखित शिकायत के बात स्वामी चिन्यमानंद कीो गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले स्वामी चिन्मयानंद ने छात्रा के खिलाफ कुछ लोगों के साथ मिलकर साजिशन फंसाने और ब्लैकमेल करने की भी शिकायत दर्ज करवाई। स्थानीय पुलिस ने स्वामी चिन्मयानंदको गिरफ्तार किया था मगर राज्य सरकार ने 9 मार्च, 2018 को एक आदेश जारी कर चिन्मयानंद के खिलाफ दर्ज कदाचार के मामले को वापस ले लिया था, लेकिन अदालत ने सरकार की कार्रवाई को अवैध करार देकर आरोप की सुनवाई जारी रखी।