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ज्ञानवापी विशेश्वर महादेव कार्बन डेटिंग प्रकरणः ASI का जवाब न आने से हाईकोर्ट नाराज, 5 अप्रैल को सुनवाई

ज्ञानवापी, सुप्रीम कोर्ट

काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर की ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले विशेश्वर महादेव शिवलिंग की कॉर्बन डेटिंग पर एएसआई का कोई जवाब आने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने कहा है कि एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के पास आखिरी मौका है। अब इस मामले की सुनवाई 5 अप्रैल को होगी।

दरअसल हिंदू पक्ष ने शिवलिंग पर अपना दावा करने के साथ ही शिवलिंग की पूजा अर्चना का अधिकार मांगा है। इसके लिए हिंदू पक्ष ने यह भी कहा कि इस शिवलिंग की पूजा अतीत में होती रही है। कुछ मुस्लिम आक्रांताओं ने शिवलिंग को ढांक दिया और सनातन धर्म चिन्हों को मिटाने की कोशिश की।

हाईकोर्ट में हिंदू पक्ष के वकीलों ने कहा है कि चूंकि साबित हो चुका है कि मस्जिद के आहते में बना वजूखाना नहीं बल्कि शिवलिंग सहित प्राचीन अर्घा है, इसलिए उसकी विधिवत पूजा करने का अधिकार दिया जाए। हिंदू पक्ष ने यह भी कहा था कि मंदिर में देवताओं का अस्तित्व ध्वंस के बाद भी खत्म नहीं होता क्यों कि देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। इसके अलावा शिवलिंग खण्डित होने की अवस्था जलाभिषेक इत्यादि पूजा के योग्य होता है।

श्रंगारगौरी मंदिर प्रकरण में मस्जिद परिसर के निरीक्षण के लिए हाईकोर्ट से गठित कमीशन ने मस्जिद परिसर में 16 मई 2022 को शिवलिंग प्रकट होने की जानकारी कोर्ट को दी गई थी। इसपर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति की तो हिंदू पक्ष ने कॉर्बन डेटिंग की अनुमति मांगी थी। इसका विरोध में मुस्लिम पक्ष ने किया लेकिन जिला जज वाराणसी ने 14 अक्टूबर 2022 को कार्बन डेटिंग की मांग वाली अर्जी खारिज कर दी थी। इस आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका डाली गई थी। जिस पर याचिकाकर्ता लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से सिविल रिवीजन दाखिल की गई है।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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