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छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी

Chhag HC

छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधानों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने इस मामले को भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष मेंशन किया।

छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा हाल ही में की गई खोजों के जवाब में मूल मुकदमा संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत दायर किया गया था। उच्चतम न्यायालय के पास अनुच्छेद 131 के तहत अंतर-राज्य या केंद्र और राज्य के विवादों पर मूल अधिकार क्षेत्र है। छत्तीसगढ़ सरकार ने सूट में धारा 17 (खोज और जब्ती), 50 (सम्मन, दस्तावेजों का उत्पादन, और सबूत देने आदि के संबंध में अधिकारियों की शक्तियां), 63 (गलत सूचना या सूचना देने में विफलता आदि के लिए सजा), और धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के 71 (अधिनियम का ओवरराइडिंग प्रभाव) को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की है।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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