डेटिंग एप पर झांसा देकर लोगों को फंसाने, होटल में बुलाने और फिर दुष्कर्म का फर्जी मामला दर्ज करवाने की धमकी देकर वसूली करने के मामले में आरोपी महिला दरोगा को जमानत देने से पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इंकार कर दिया है। जमानत याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि हनीट्रैप देश की सुरक्षा और सामाजिक ताने बाने को बड़ा खतरा है और ऐसे मे याची को राहत नहीं दी जा सकती।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पुलिस अधिकारी होने पर याची पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने और लोगों को अपराध से बचाने का दायित्व था। इसके विपरीत याची हनी ट्रैपिंग गिरोह की सदस्य बन गई और लोगों को परेशान करने लगी। शिकायतकर्ता को डराया कि अगर वह पैसे नहीं देगा तो यौन अपराध मामले में फंस जाएगा। आजकल इंटरनेट के उपयोग से लोग सामाजिक आवश्यकता को पूरा करना चाहते हैं और कुछ कुख्यात तत्वों का शिकार हो जाते है। ये लोग वास्तविक संबंध बनाने के बहाने, उत्पीड़न के माध्यम से मौद्रिक लाभ का लक्ष्य रखते हैं और जबरन वसूली करते है।
हाईकोर्ट ने कहा कि भारतीय समाज अक्सर सांस्कृतिक ताने-बाने के चलते महिला के कहे पर भरोसा करता है जबकि कुछ गलत इरादे वाली महिलाएं इसका फायदा उठाती हैं और इसे हथियार की तरह इस्तेमाल करती हैं। ऐसे संवेदनशील मामलों में पीड़ित व्यक्ति अपनी गरिमा और कड़ी मेहनत से अर्जित प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए न्याय प्रणाली से आशा रखता है।
हमें खुद से पूछना होगा कि क्या हम ऐसे समाज को स्वीकार करना चाहते हैं जहां एक लोक अधिकारी अपने नागरिकों के कल्याण की रक्षा करने की बजाय, पैसे के बदले में अपराधियों को सहायता प्रदान करता हो। हमारे समाज में, जब किसी पुरुष पर दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध का आरोप लगाया जाता है तो कानूनी और सामाजिक दोनों ही परिणाम बहुत भयावह होते हैं। दाग के कारण व्यक्ति अपने सम्मान को बनाए रखने में असमर्थ बन जाता है जो उसे अवसाद या आत्महत्या की ओर ले जा सकता है। ये दुष्प्रभाव ही हैं जो हैनी ट्रैप जैसे काम में लगे लोगों के लिए आदर्श वातावरण बनाते हैं।
याचिका दाखिल करते हुए गुरुग्राम निवासी मुनेश देवी ने हाईकोर्ट को बताया कि उसके खिलाफ 6 जून 2023 को गुरुग्राम के फारुखनगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। शिकायत के अनुसार याची ऑनलाइन डेटिंग ऐप से लोगों को फंसाती थी और उन्हें मिलने होटल में बुलाती थी। होटल पहुंचने पर आए व्यक्ति पर दुष्कर्म और छेड़छाड़ के आरोप लगाकर पैसों की मांग करती थी।
पैसा नहीं मिलने पर एफआईआर दर्ज करवाने की धमकी देती थी। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने इस मामले में कई लोगो को गिरफ्तार किया व याची की तलाश कर रही है। याची ने कहा कि वह जांच में शामिल होना चाहती है लेकिन उसे गिरफ्तार न किया जाए जबकि सरकार ने जांच के लिए गिरफ्तारी को जरूरी बताया।