गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास की एफआईआर रद्द करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने श्रीनिवास को कोई राहत देने से भी इनकार कर दिया। एक महिला ने श्रीनिवास पर अभद्र व्यवहार का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाई थी।
श्री निवास की एफआईआर रद्द करने की याचिका खारिज करते हुए, अदालत ने कहा कि अंतरिम राहत के लिए प्रार्थना पर विचार करने से पहले शिकायतकर्ता के सेक्शन १६४ के बयान और केस डायरी का कोर्ट रूम में होना आवश्यक है।
श्रीनिवास के खिलाफ आरोप असम युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष द्वारा लगाया गया है, जिसमें कहा गया है कि श्रीनिवास ने उसे लगातार सेक्सिस्ट और अपशब्दों के माध्यम से मानसिक रूप से परेशान किया और उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी।
उनका यह भी आरोप है कि जब वह इस साल 25 मार्च को कांग्रेस पार्टी के पूर्ण अधिवेशन में भाग लेने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर गईं, तो श्रीनिवास ने उनके साथ मारपीट की क्योंकि उन्होंने उनकी बाहें पकड़ ली थीं और अपशब्दों का इस्तेमाल कर उन्हें धमकी भी दी थी।
श्रीनिवास ने अपने खिलाफ दायर प्राथमिकी को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया और दिसपुर थाना द्वारा जारी नोटिस को रद्द करने की मांग की थी।
अदालत के समक्ष, श्रीनिवास के वकील ने तर्क दिया कि प्राथमिकी एक राजनीतिक प्रतिशोध स्वरूप लिखवाई गई है। याचिकाकर्ता के वकील ने तत्काल राहत देने पर जोर दिया मगर अदालत ने कहा कि वह सीआरपीसी की धारा 164 के तहत पीड़ित महिला के बयान सहित केस डायरी का अध्ययन करने से पहले कोई राहत नहीं दे सकती। अदालत ने मामले को 2 मई को सुनवाई के लिए सूचिबद्ध किया है।