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दिल्ली हाईकोर्ट का सख्त निर्देश, विशेष अभियान चलाकर दिव्यांगों के रिक्त पदों पर तुरंत करें भर्ती वरना ‘कंटेम्प्ट’ झेलें

दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार के को विभिन्न क्षेत्रों में दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) के रिक्त पदों को भरने के लिए एक विशेष भर्ती अभियान चलाने का निर्देश दिया है।

दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने रिक्तियों को भरने के लिए विशेष भर्ती करने के लिए दिल्ली सरकार के पालन के लिए एक समय भी निर्धारित करने के निर्देश दिए।

हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) या संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) या जो भी अन्य संबंधित विभाग है वो पीडब्ल्यूडी भर्ती के लिए 30 दिनों के भीतर आवेदन पत्र आमंत्रित करे।

अदालत ने डीएसएसएसबी या यूपीएससी को आवेदन की अंतिम तिथि के बाद 30 दिनों के भीतर लिखित परीक्षा, साक्षात्कार या चयन प्रक्रिया करने का आदेश दिया।

हाई कोर्ट ने अपने आदेश मे कहा है कि डीएसएसएसबी-यूपीएससी इस विषय में पूर्व निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप परिणाम घोषित करेगा और भर्ती प्रक्रिया साक्षात्कार की घोषणा की तारीख के 30 दिनों के भीतर पूरी की जाएगी।”

खण्डपीठ ने नेत्रहीन और कम दृष्टि वाले उम्मीदवारों के लिए आरक्षित सीटों को भरने में दिल्ली सरकार पर विफल रहने का आरोप लगाते हुए एनजीओ नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड द्वारा दायर एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया।

दरअसल, पीडब्ल्यूडी के लिए सीधी भर्ती कोटा के तहत 1351 रिक्तियां उपलब्ध हैं, जिसमें दृष्टिबाधित लोगों के लिए 356 रिक्तियां शामिल हैं। हाईकोर्ट ने पदोन्नति कोटा के बारे में अपने आदेश में कहा गया है कि 852 नौकरियां उपलब्ध हैं, जिनमें दृष्टिबाधित लोगों के लिए 149 शामिल हैं।

हाईकोर्ट ने एससीपीडी को विशेष भर्ती अभियान की निगरानी जारी रखने और उन विभागों या प्रतिष्ठानों से खुले पदों के रोस्टर का अनुरोध करके मामले की स्वतंत्र जांच के निर्देश भी दिए हैं।

दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा ने कहा कि कोर्ट ने जो समय सारिणी निर्धारित की है अगर उसमें किसी तरह का परिवर्तन किया जाता है तो यह अदालत की अवमानना ​​मानी जाएगी। ऐसी स्थिति में कोर्ट स्वतः संज्ञान लेकर अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू कर देगी।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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