आईएसआईएस के संदिग्ध आतंकी और पेशे से केमिकल इंजीनियर अमद मुर्तजा अब्बासी को NIA की स्पेशल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। अहमद मुर्तजा ने अप्रैल 2022 में गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी के सुरक्षा गार्डों पर धारदार घातक हथियार से हमला किया था।
हमले के दौरान मुर्तजा ने पीएसी के सुरक्षाकर्मियों से हथियार भी छीनने की कोशिश की थी। इसी माह 27 जनवरी को इस मामले में सुनवाई के दौरान मुर्तजा दोषी पाया गया था। NIA कोर्ट के विशेष जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने मुर्तजा के हमले को देश के खिलाफ जंग छेड़ने जैसा मामला माना और उसे मृत्यु दण्ड की सजा सुनाई।
बीते साल 2 अप्रैल 2022 को हुई वारदात की एफआईआर गोरखपुर के गोरखनाथ थाने में दर्ज की गई थी। मुर्तजा के संपर्क कुख्यात आतंकी गिरोह आईएसआईएस से मिलने के बाद घटना की जांच एनआईए को सौंप दी गई थी।
मुर्तजा काफी पहले से सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर था। मगर वो एटीएस व अन्य एजेंसियों को चकमा दे कर नेपाल भाग जाता था। गोरखनाथ मंदिर पर हमले से एक दिन पहले वो नेपाल से लौटा था।
एक दिन पहले एटीएस ने उसके घर पर दबिश दी, लेकिन वह पहले से ही फरार हो गया और वापस लौटकर गोरखनाथ मंदिर पर हमले की वारदात को अंजाम दिया।
असलहा छीनने का किया प्रयास मुर्तजा ने गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी के जवान अनिल कुमार पासवान पर अचानक बांके से हमला किया था और उनका असलहा भी छीनने का प्रयास किया। बचाव के लिए दूसरा जवान आया, तो जान से मारने की नियत से उस पर भी धारदार हथियार से हमला कर दिया।
गोरखनाथ मंदिर के मुख्य द्वार पर हुई इस वारदात के प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना के दौरान मुर्तजा हाथों में बांका लिए अल्लाह-हु-अकबर का नारा लगाकर पीएसी पोस्ट की ओर दौड़ा था। इससे लोगों में अफरा तफरी मच गई थी। मुर्तजा के हाथ में बांका देख लोग सहम गए। बड़े बांस से उसके हाथ पर प्रहार कर बांका छुड़ाया, इसके बाद उसे दबोच लिया गया। तलाशी लेने पर मुर्तजा के बाद उर्दू भाषा में लिखी हुई एक धार्मिक किताब भी बरामद हुई थी।
जिहादी गतिविधियों में लिप्त मुर्तजा की हरकतों पर किसी की नजर न पड़े, इसके लिए वह विदेशी सिम का इस्तेमाल करता था। मुर्तजा ने 2900 रुपये में उसने विदेशी सिम कार्ड खरीदा था, जिसकी मदद से प्रतिबंधित वेबसाइट पर जाता और सर्च करके जिहादी वीडियो देखा करता था।
मुर्तजा की टाइम लाइन
02 अप्रैल 2022 : एटीएस की टीम मुर्तजा को ढूंढते हुए घर पहुंची। जानकारी होने पर नेपाल भागा।
03 अप्रैल 2022: नेपाल से लौटे मुर्तजा ने गोरखनाथ मंदिर गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों पर जानलेवा हमला किया। पुलिस ने गोरखनाथ थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
04 अप्रैल, 2022: टेरर कनेक्शन से मामला जुड़ने पर पुलिस के साथ ही एटीएस व खुफिया एजेंसियों ने पूछताछ की। कोर्ट ने मुर्तजा को एक सप्ताह के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड में भेजा।
05 अप्रैल, 2022: शासन ने मुकदमे की विवेचना एटीएस को सौंपी, लखनऊ से अधिकारी गोरखपुर पहुंचे।
05 अप्रैल, 2022: पूछताछ के बाद देर रात एटीएस की टीम मुर्तजा को लेकर लखनऊ रवाना हुई।
06 अप्रैल, 2022: एटीएस व कैंट पुलिस ने घर की तलाशी लेने के साथ ही मुर्तजा के कमरे में ताला बंद किया।
07 अप्रैल, 2022: पिता मुनीर को पूछताछ के लिए एटीएस मुख्यालय लखनऊ बुलाया गया।
08 अप्रैल, 2022 : मुर्तजा के बड़े पिता डा. खालिद को एटीएस ने बयान दर्ज कराने का नोटिस भेजा।
10 अप्रैल, 2022 : डा. खालिद अब्बासी अपना बयान दर्ज कराने एटीएस गोरखपुर के कार्यालय पहुंचे।
11 अप्रैल, 2022 : एटीएस ने मुर्तजा को एसीजेएम कोर्ट में पेश किया, पांच दिन की पीसीआर मिली।
12 अप्रैल, 2022: मुर्तजा को लेकर एटीएस उसके घर पहुंची। कमरे से डोंगल व एयरगन मिला।
14 अप्रैल, 2022: एटीएस की टीम मुर्तजा को पूछताछ के लिए गोरखपुर से लखनऊ ले गई।
15 अप्रैल, 2022 : मुर्तजा पर यूएपीए (गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) बढ़ा दिया है।
17 अप्रैल, 2022: लखनऊ में पूछताछ के लिए बुलाए गए माता-पिता घर लौटे।
19 अप्रैल, 2022: आपरेशन के लिए मुर्तजा जिला अस्पताल में भर्ती हुआ।
20 अप्रैल, 2022: जांच के बाद जिला अस्पताल में हाथ का आपरेशन हुआ।
25 अप्रैल, 2022 : उपचार के बाद मुर्तजा को एटीएस की टीम लखनऊ ले गई।
27 जनवरी, 2023 : एटीएस/एनआइए की विशेष कोर्ट ने मुर्तजा पर आरोप तय किए