कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा दायर उस जनहित याचिका (PIL) , पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें पेगासस जैसे उपकरण और स्पाईवेयर पर नागरिको की गोपनीयता पर हमला करने का आरोप लगाया गया था।
याचिकाकर्ता सुजीत कुमार दत्ता द्वारा दायर जनहित याचिका पर आदालत सुनवाई कर रही थी।
याचिका मे आरोप लगाया था की राज्य के अधिकारी अवैध रूप से नागरिको की गोपनीयता पर हमला कर रहे हैं।
याचिका मे ये भी कहां गया कि नागरिको की गोपनियता में दखल देने के लिए अधिकारी पेगासस और इसी तरह के अन्य आधुनिक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिससे उनके जीवन कि स्वतंत्रता का अधिकार और गोपनियता के अधिकारो का उलंघन हो रहा था ऐसे में न्यायालय को इसमे हस्तक्षेप करना चाहिए।
मामले की सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायाधीश TS शिवगणनम और हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा की ‘याचिका अस्पष्ट हैं’, इसलिए हम याचिका पर विचार करना उचित नहीं समझते हैं।
हालांकि, हम याचिकाकर्ता को उपयुक्त अधिकारियों के समक्ष ज्ञापन देने की स्वतंत्रता देते हैं, यदि उसकी व्यक्तिगत गोपनीयता पर हमला किया जाता है तो उच्च न्यायालय ने यह भी कहां जितनी भी याचिका में शिकायत दर्ज कराई गई है, वह पूरी तरह से अस्पष्ट हैं और इसमे आशंका को साबित करने के लिए कोई प्रुफ नहीं है, यह कहते हुए उच्च न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया।