इलाहाबाद हाईकोर्ट ने “मध्यस्थता की अवधारणा और तकनीक” विषय पर इलाहाबाद क्लस्टर के पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए दो दिन की कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर के मार्गदर्शन में किया गया था।
कार्यशाला का उद्घाटन फैमिली कोर्ट मैटर्स की संवेदीकरण समिति की अध्यक्ष न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल ने किया।
न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने समिति की सदस्य माननीय श्रीमती न्यायमूर्ति साधना रानी ठाकुर के साथ अतिथि के रूप शामिल हुए। न्यायमूर्ति साधना रानी ठाकुर ने अपने संबोधन में परिवार न्यायालय के न्यायाधीशों को मध्यस्थता की अवधारणाओं और तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में हाईकोर्ट, इलाहाबाद के विभिन्न न्यायाधीशों ने भाग लिया। प्रतिभागियों में इलाहाबाद, बांदा, चित्रकूट, फतेहपुर, हमीरपुर, जालौन के उरई, झांसी, कानपुर नगर, कौशाम्बी, ललितपुर, महोबा, रायबरेली, रमाबाई नगर, उन्नाव के पारिवारिक न्यायालयों में तैनात प्रधान न्यायाधीश और अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश शामिल थे।