महाराष्ट्र में शिवसेना बनाम शिवसेना मामले की सुनवाई के दौरान उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ से इस मामले को सात जजों की संविधान पीठ में भेजने की मांग की।
कपिल सिब्बल ने कहा कि स्पीकर के अधिकार और विधायकों की अयोग्यता पर सात जजों का पीठ विचार करे। सिब्बल ने कहा कि वो इस मामले में लिखित जवाब कोर्ट में दाखिल करना चाहते है।
जिसपर राज्यपाल की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील तुषार मेहता ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि मामले की सुनवाई पांच जजों की संविधान पीठ को ही करनी चाहिए। उन्होंने भी कोर्ट से लिखित जवाब दाखिल करने की इजाजत मांगी।
जिसपर कोर्ट ने दोनों पक्षों को लिखित जवाब देने को कहा। पांच जजों की संविधान पीठ ने कहा कि वो दस जनवरी को मामले की अगली सुनवाई करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ अयोग्यता के मुद्दे और डिप्टी स्पीकर के खिलाफ हटाने का नोटिस लंबित होने के दौरान क्या वो विधायकों की अयोग्यता का नोटिस जारी कर सकते हैं, इसके साथ अन्य मुद्दों पर सुनवाई कर रहा है।