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शक्तियों के बंटवारे के सिद्धांत और संतुलन के सिद्धांत को बनाए रखे न्यायपालिका और विधायिका- ओम बिरला

Om Birla,

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को कहा कि न्यायपालिका और विधायिका को शक्तियों के बंटवारे के सिद्धांत और संतुलन के सिद्धांत को बनाए रखना चाहिए।

ओम बिरला ने राजस्थान के जयपुर में अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में अपने संबोधन में अपनी चिंता जताई और कहा कि हमारे देश में विधायिकाओं ने हमेशा न्यायपालिका की शक्तियों और अधिकार का सम्मान किया है। उन्होंने कहा कि “विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारियों ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि न्यायपालिका के साथ उनका संबंध संविधान की भावना और मर्यादा के अनुसार हो। न्यायपालिका को भी सभी संस्थानों के बीच संविधान द्वारा शक्तियों के बंटवारे के सिद्धांत और संतुलन के सिद्धांत का पालन करने की आवश्यकता है।”

उन्होंने यह भी कहा कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका – तीनों संस्थाएं संविधान से अपनी शक्तियां और अधिकार क्षेत्र प्राप्त करती हैं और प्रत्येक अंग को सद्भाव, विश्वास और संतुलन में काम करना चाहिए। विधायी निकायों में लोगों की आस्था के सवालों पर चिंता जताते हुए बिरला ने कहा कि आम जनता में विधायिकाओं और जनप्रतिनिधियों पर सवालिया निशान है।हमें विधानमंडलों की छवि और काम करने में सुधार करने की आवश्यकता है। साथ ही, विधानसभाओं को अधिक अनुशासित, सार्थक और गरिमापूर्ण होना चाहिए

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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