राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक को फ़िलहाल जेल में ही रहना होगा। दरसअल बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को उनकी जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए अब छह जनवरी की तारीख तय की है।
वही कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री के स्वास्थ्य के संबंध में दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
नवाब मलिक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने हाई कोर्ट से मामले की तत्काल सुनवाई करने का आग्रह किया।
वही ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने अदालत को बताया कि मलिक को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और इस साल मई से उनका इलाज चल रहा था।
जिसपर अदालत ने मलिक के वकील से कहा कि “आप (मलिक) एक निजी अस्पताल में हैं। मैं इसे एक सेकंड के लिए भी नहीं सुन सकता। मेरे सामने अन्य दलीलें लंबित हैं। भले ही आपको (अस्पताल से) छुट्टी मिल जाए। आपको अदालत को संतुष्ट करना होगा कि कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, तभी अदालत आपकी बात सुनेगी।
नवाब ने जमानत याचिका 12 दिसंबर को दायर की थी, जब एक विशेष अदालत ने 30 नवंबर को उनकी
जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।
मलिक को फरवरी में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम से जुड़े कुर्ला में कथित गोवावाला कंपाउंड नामक संपत्ति को लेकर दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था।