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यूपी शहरी निकायः चुनाव में आरक्षण याचिका पर बहस पूरी, फैसला सुरक्षित, 27 के बाद जारी होगी अधिसूचना

UP Local Bodies Election-High Court

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शनिवार को उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर दाखिल याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। 27 दिसम्बर को हाई कार्य फैसला सुनायेग। ऐसे में उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की अधिसूचना पर कोर्ट ने 27 दिसंबर तक रोक बढ़ा दी है।

शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था निकाय चुनाव लोकतंत्र से जुड़ा विषय है, ऐसे में शनिवार (अवकाश) को भी इस मामले की सुनवाई करेंगे।

मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस सौरभ लवानिया की खंडपीठ
ने इसके साथ ही चुनाव की अधिसूचना जारी करने पर लगी रोक भी बुधवार तक के लिए बढ़ा दी थी।

मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने इस मामले को सुनवाई के बाद जल्द निस्तारित किए जाने का आग्रह किया। कोर्ट में मामले की अंतिम सुनवाई जारी है।

हाई कोर्ट रायबरेली निवासी सामाजिक कार्यकर्ता वैभव पांडेय व अन्य की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।

राज्य सरकार ने कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा है कि स्थानीय निकाय चुनाव के मामले में 2017 में हुए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सर्वे को आरक्षण का आधार माना जाए। सरकार ने कहा है कि इसी सर्वे को ट्रिपल टेस्ट माना जाए।

वही नगर विकास विभाग के सचिव रंजन कुमार ने हलफनामे में कहा है कि ट्रांसजेंडर्स को चुनाव में आरक्षण नहीं दिया जा सकता।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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