इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जबरन धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किये गए पादरी विजय मसीह को जमानत देदी है।
विजय मसीह पर 90 हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण करवाने का आरोप था।
धर्मांतरण के आरोपी पादरी के वकील ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय से आग्रह किया की इसी मुक़दमे के 6 आरोपियों को पहले ही जमानत दी जा चुकी है, इसीलिए समानता के आधार पर पादरी विजय मसीह को भी जमानत दी जानी चाहिए ।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एकल पीठ जस्टिस समीर जैन ने पादरी के वकील की दलीलों को सुनने के बाद पादरी विजय मसीह को जमानत पर छोड़ देने का आदेश जारी कर दिया।
दरअसल 15 अप्रैल, 2022 को हिमांशु दीक्षित नाम के व्यक्ति ने फतेहपुर पुलिस स्टेशन में पादरी विजय मसीह और अन्य लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करवाई थी, इस प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि पादरी विजय मसीह और अन्य लोगो ने हरीगंज फतेहपुर इत्याति गावो में नौकरी और पैसो का लालच देकर बड़ी संख्या में हिन्दुओ का धर्म परिवर्तन करवा दिया था।
पादरी विजय मसीह और उसके साथी इवेंजेलिकल चर्च ऑफ इंडिया से जुड़े हुए बताये जाते है।