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अवैध मांस की दुकानों और बूचड़खानों को हटाने की याचिका पर इलाहाबाद HC का सरकार से जवाब-तलब

Allahabad HC

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही में गाजियाबाद में मांस की दुकानों और बूचड़खानों के अवैध संचालन को हटाने की मांग वाली याचिका पर केंद्र और राज्य सरकारों से खंडपीठ ने 3 मई, 2023 तक उनसे जवाब दाखिल करने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह की खंडपीठ ने गाजियाबाद के पार्षद हिमांशु मित्तल की एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर ये निर्देश दिए हैं।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील आकाश वशिष्ठ ने आरोप लगाया कि खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के प्रावधान, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 और पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्रालय द्वारा जारी विभिन्न दिशानिर्देश का इन मीट की दुकानों पर पूरी तरह से उल्लंघन किया जा रहा है।

पीआईएल में यह भी दावा किया गया था कि गाजियाबाद के 3,000 मीट स्टोर और बूचड़खानों में से सिर्फ 17 के पास खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 31 के तहत आवश्यक लाइसेंस हैं। याचिका के अनुसार, जल अधिनियम की धारा 25 के तहत किसी भी मांस व्यवसाय या बूचड़खाने के निर्माण और कार्य करने के लिए आवश्यक सहमति नहीं है। इसके अलावा, जानवरों के साथ चल रहा दुर्व्यवहार मौजूदा नियमों के उल्लंघन में है।

मामले की सुनवाई के बाद पीठ ने भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई), भारतीय पशु कल्याण बोर्ड, खाद्य सुरक्षा आयुक्त, गाजियाबाद नगर निगम, यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया कर जवाब दाखिल करने को कहा है।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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